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About Surat Literary Foundation

सूर्यपुत्री ताप्ती(तापी) तट पर बसा प्राचीन सूर्यपुर नगर, अब गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत के नाम से जगविख्यात व भारत के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में से एक है. महाभारत काल में महादानी कर्ण का अग्निसंस्कार सूर्यपुर में तापी तट पर ही हुआ था. इसी के प्रभाव से आज भी सूरत पूरे भारतवर्ष में दान, दया, धर्म के लिए जाना जाता है. यहाँ के लोग दान-धर्म में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं व सौम्य, शालीन जीवन व्यतीत करते हैं. सूरत कपड़ा उद्योग के लिए भारत का मैनचेस्टर व विश्व में हीरों की राजधानी के रूप मे भी जाना जाता है, जहां के उद्योगपति दीपावली के उपहार स्वरुप कर्मचारियों को घर व कारें देते हैं. सूरत अपनी सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था, नवीन खाद्य व्यंजन, फ्लाईओवर, सीसीटीवी तथा स्वछता के लिए भी जाना जाता है.

समुद्र तट के समीप बसा सूरत, प्राचीन काल से ही यूरोप अफ्रीका व अन्य पश्चिमी देशों से  व्यापार का केंद्र रहा है. सूरत के व्यापारी सुदूर अफ्रीका, यूरोप, मिश्र, पारस, आदि देशों से व्यापार करते थे. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी अपना व्यापर सूरत से ही आरम्भ किया था. अंग्रेजों को चेक लिखने का उपाय सूरत की हुंडी से ही आया जो उस समय एक पत्र पर लिख कर दी जाती थी व धारक को उस देश के अमुक स्थान पर वह धनराशि प्राप्त हो जाती थी.

इतना भव्य इतिहास, व्यापार, दान, धर्मं-कर्म की यह भूमि विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी होने के बाद भी साहित्य कला व संस्कृति के बड़े आयोजनों का अभाव सूरत के लोगों को अखरता है. एक शून्य पैदा हो गया है जिसे हम अपने आसपास पाते तो हैं किन्तु सुन, पढ़ या व्यक्त नहीं कर पाते. कवि नर्मद के पश्चात कोई बड़ा  साहित्यिक दिग्गज इस भूमि पर नहीं आया, न ही कवि सम्मेलनों व नाटकों के सिवाय साहित्य कला की कुछ विशेष चर्चा होती है.

इसी शून्यता ने “सूरत लिटरेरी फाउंडेशन” के विचार को जन्म दिया.

सूरत लिटफेस्ट केवल एक पहल ही नहीं; वरन नए सूरत की अभिव्यक्ति का मंच व माध्यम है.  माता सरस्वती की आराधना भी माता लक्ष्मी और माता शक्ति के समान फलदायी है.

सूरत लिटरेरी फाउंडेशन, सूरत के नागरिकों की पहल है. हम प्रबुद्ध महानुभावों  तक पहुंच रहे हैं, जिससे वे हमारे नगर को आशीर्वाद देने व ज्ञान का संगम करने हमारे लोगों के मध्य आयें.  क्योंकि अर्थ के समान शिक्षा, ज्ञान भी आत्मिक उत्थान के लिए अत्यंत आवश्यक है.

भारत हर गुजरते दिन के साथ अपना खोया हुआ गौरव पुनः प्राप्त कर रहा है. अनादिकाल से इस भूमि ने एक सभ्यता के रूप में मानव जाति को रास्ता दिखाया है. एक हजार से अधिक वर्षों तक गुलामी की बेड़ियों में जकड़े होने व सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से कमजोर कर दिए जाने के बाद भी हम संस्कृति के संदर्भ में फलने-फूलने और स्वस्थ होने में सफल रहे है. आज हम ऐसे महान मोड़ पर हैं, जहाँ वर्तमान संकटों के समाधान के लिए दुनिया की निगाहें हम पर टिकी हुई हैं. हमने मानवजाति के रक्षण के लिए सबसे आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी है. चाहे जलवायु परिवर्तन का संकट हो, आर्थिक संकट हो या कोविड-19 महामारी, हमने सभी मोर्चों पर नेतृत्व किया है.

अब से 25 वर्ष बाद, वर्ष 2047 में जब भारत औपनिवेशिक गुलामी से स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मनाएगा, तब का भारत कैसा होना चाहिए,  भारत@2047” में   हम इस पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं.

धर्म, शिक्षा, राजनीती, अर्थव्यवस्था, शासन-प्रसाशन, विदेशनीति, आंतरिक सुरक्षा, मीडिया, फिल्म, नीति निर्माण आदि के क्षेत्र में देश मे अगले 25 वर्षों में भारत को क्या करना चाहिए विषय पर तीन दिन तक संवाद होगा. सूरत के लोग, तीन दिवसीय इस महा-मंथन को देखने सुनने की  उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं.

About Surat

Surat is arguably one of the most iconic cities of India. Manchester of India, the world’s diamond capital, is where industrialists give homes and cars as Diwali bonuses. The city of innovative food dishes, flyovers, and CCTVs for public safety, Surat is also known for its cleanliness. Surat is magnificent & marvellous, but in its stint as a leader in various sectors, its long-forgotten intellectual heritage created a void that could be felt but not heard, read, or expressed. After Kavi Narmad, no literary behemoth walked this land. We found our calling in this void, and thus sprouted the idea of “Surat Literary Foundation”. To nurture Surat’s artistic side that’d instead drape itself on paper than sarees, that’d instead shine in the eyes of voracious readers than on necklaces and rings. Bharat@2047 is not just another initiative; it’s a manifestation of a new Surat. A Surat that Maa Saraswati equally blesses as Maa Lakshmi and Maa Shakti bless it. Surat Literary Foundation is a people’s initiative. We are reaching out to the enlightened, revered, and living images of wisdom to bless the city as it embarks on its spiritual and academic reincarnation.

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